No its not written by me, just read it from somewhere.But undoubetdly it so correctly conveys the meaning.
मैं कभी बतलाता नहीं... पर Tri-semester से डरता हूँ मैं माँ ...
यूं तो मैं दिखलाता नहीं ... grades की परवाह करता हूँ मैं माँ ..
तुझे सब है पता ....है न माँ
किताबों में ...यूं न छोडो मुझे.. chapters के नाम भी न बतला पाऊँ माँ
वह भी तो ...इतने सारे हैं.... याद भी अब तो आ न पाएं माँ ...
क्या इतना गधा हूँ मैं माँ .. क्या इतना गधा हूँ मैं माँ ..
जब भी कभी ..invigilator मुझे .. जो गौर से ..आँखों से घूरता है माँ ... मेरी नज़र ..ढूंढे qstn paper...सोचूं यही .. कोई सवाल तो बन जायेगा.....
Monday, April 20, 2009
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